खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले आंतरिक आतंकवादी...ज्योति बाबा

कानपुर, रविवार 3 जनवरी 2021 पौष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी २०७७ प्रमादी नाम संवत्सर। भारतीय बाजारों में बिक रहे सभी प्रतिष्ठित शहद के ब्रांडो में चीनी की चाशनी पाई गई है जबकि आयुर्वेद की अधिकतर दवा में शहद से लेने को कहा जाता है और कोरोना काल में तो शरीर की इम्यून पावर बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में शहद का प्रचलन काफी बढ़ गया है लेकिन मिलावटी शहद होने के चलते मधुमेह समेत दूसरे रोगियों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। 

उपरोक्त खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने किया है यह जानकारी सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के सहयोग से कोरोना मिटाओ नशा हटाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत दनादन शिव मंदिर गौशाला में आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी शीर्षक स्वस्थ भोजन स्वस्थ जीवन का आधार है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही।

बाबा जी ने आगे बताया कि जिस पान मसाला, तंबाकू से हजारों करोड़ का राजस्व सरकार लेती है उसमें भी कैंसर कारक तत्वों के साथ अन्य खतरनाक मिलावट करके भारतीयों की जिंदगी में जहर घोला जा रहा है अब तो पहले से जहरीली चीजें जैसे देसी ठेको की शराब में भी जल्दी से करोड़पति बनने के चक्कर में सीधे मौत बांटने का धंधा किया जा रहा है लोग तो यह सोचकरसरकारी ठेकों से पीते हैं के यह सरकारी और असली मजा है लेकिन वहां भी मिलावट का होना सरकार के संवेदनहीन होने की पराकाष्ठा बताता है। 

सोशल एक्टिविस्ट इंद्रपाल सिंह भदोरिया ने कहा कि जो दवा लोग अपने बच्चों के इलाज के लिए मेडिकल स्टोर से खरीदते हैं उसे क्या मालूम कि मिलावटी होने के चलते मौत खरीद रहे हैं कैरियर काउंसलिंग गुरु दीप कुमार मिश्रा सीए ने कहा कि सरकार जिन हरी सब्जियों व फलों को कुपोषण मुक्त बच्चों के लिए खाने का टीवी में अनुरोध करते नहीं थकती है उन्हीं सब्जियों व फलों में मिलावट का धंधा जोरों पर है सभी विचारको की एक राय निकल कर आई कि अब हम अपने बच्चों के लिए स्वस्थ भोजन कैसे उपलब्ध कराएं, जबकि सशक्त कानून होने के बावजूद मौत की मिलावट करने वाले किन के संरक्षण के चलते बच निकल रहे हैं सरकार को वहां पर चोट करनी चाहिए। 

अंत में अंग्रेजी  कैलेंडर के नव वर्ष की सभी को मंगल शुभकामनाओं के साथ नशा मुक्त भारत की महाशपथ योग गुरु ज्योति बाबा ने दिलाई। वर्चुअल संगोष्ठी में भाग लेने वाले दीपक सोनकर स्वामी गीता, महंत राम अवतार दास, संदीप तिवारी सुश्री संध्या, मां साधना, अनिल सैनी एडवोकेट, संजीव गुरुजी, दीपक शर्मा एडवोकेट, सुभाष त्रिपाठी एडवोकेट इत्यादि थे। 

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