- कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर प्रदेश दिवस-2021 के उपलक्ष्य में आयोजित कृषक गोष्ठी एवं संवाद में किसानों को किया सम्बोधित
- प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को साझा कर अन्य किसानों को भी उन्नत खेती की ओर अग्रसर करना ही कृषक गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य
- प्रदेश के 27 लाख से अधिक किसानों को विभिन्न योजनान्तर्गत 678 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया
- कोविड-2019 की विषम परिस्थितियों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 36 लाख मी0टन गेहूँ एवं 53 लाख मी0टन धान की खरीद सुनिश्चित
- प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को 1.15 लाख करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया
- प्रदेश के 2.30 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया गया
- बीज विधायन संयंत्रों की स्थापना हेतु 28 एफ0पी0ओ0 को ब्याजमुक्त 60-60 लाख रूपये का अनुदान दिया गया - सूर्य प्रताप शाही
- किसानों की आय में वृद्धि के लिये आवश्यक है कि खर्चें कम किये जायें और उत्पादन व उत्पादकता बढ़ायी जाए -डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी
- दृष्टि योजनांतर्गत अजय कुमार सिंह को प्रथम किश्त के रूप में 18 लाख रूपये तथा किसान क्रेडिट कार्ड योजनांतर्गत श्री संजय कुमार सिंह को फसलोत्पादन के लिये 9.90 लाख रूपये का चेक सौंपा गया
- कस्टम हायरिंग सेंटर ट्रैक्टर तथा कम्बाईन हार्वेस्टर के लाभार्थी किसानों को पुरस्कृत किया गया
श्री शाही ने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश में योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित की गयी है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ सभी किसानों को मिल सके, इसके लिये पूर्ण पारदर्शी व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के 27 लाख से अधिक किसानों को विभिन्न योजनान्तर्गत 678 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया है। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन की भी खरीद सुनिश्चित की गयी है। उन्होंने कहा कि कोविड-2019 की विषम परिस्थितिया में भी प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 36 लाख मी0टन गेहूँ एवं 53 लाख मी0टन धान की खरीद की गयी है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को 1.15 लाख करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 2.30 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त बीज विधायन संयंत्रों की स्थापना हेतु 28 एफ0पी0ओ0 को ब्याजमुक्त 60-60 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। इसके अंतर्गत 44 जनपदों के 106 अन्य एफ0पी0ओ0 द्वारा भी आवेदन किया गया है। उन्होंने प्रदेश के किसानों को जीरो बजट खेती (प्राकृतिक खेती) की ओर आकृष्ट करते हुये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रदेश के कुछ इच्छुक किसानों का समूह बनाकर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी द्वारा कुरूक्षेत्र में करायी जा रही प्राकृतिक खेती का व्यवहारिक अनुभव दिलवायें।
श्री शाही ने किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि देश में खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है, लेकिन आपके प्रयासों से उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में देश में प्रत्येक स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि आगामी 01 फरवरी से 03 फरवरी के मध्य किसान समाधान दिवस के रूप में प्रदेश के समस्त विकास खण्डों में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित किसानों को योजनान्तर्गत लाभ मुहैया कराया जायेगा। इस अवसर पर इनवैलिड आधार एवं आधार के अनुसार नाम सही किये जायेंगे।
अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि कृषि विभाग किसानों के कल्याण के लिये सदैव कृतसंकल्पित है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ कई कल्याणकारी योजनायें संचालित की गयी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का निरंतर प्रयास है कि किसानों की आय को शीघ्रातिशीघ्र दोगुना किया जाए। आय को बढ़ाने के लिये आवश्यक है कि खर्चें कम किये जायें और उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसानों को उनकी उपज एवं उत्पाद का सही मूल्य भी प्राप्त होना अत्यंत आवश्यक है। किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिले, इसके लिये एफ0पी0ओ0 की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसानों की आय में वृद्धि के लिये कृषि विविधीकरण पर भी विशेष बल दिया। समन्वित खेती ही ऐसा तरीका है जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि सम्भव है।
इस अवसर पर पद्मश्री राम शरण वर्मा ने पारम्परिक खेती के साथ-साथ कृषि विविधीकरण पर विचार व्यक्त करते हुये केला, टमाटर, आलू, खरबूजा, तरबूज एवं मेंथा की खेती पर प्रकाश डाला। श्री दीपक राय, कृषि वैज्ञानिक ने आगामी रबी फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने तथा आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के उपाय बताये। कृष्ण चैधरी ने प्राकृतिक खेती, डाॅ0 कामिनी सिंह ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के बारे में किसानों को जानकारी दी। राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था की डाॅ0 अर्चना ने जैविक खेती के उपरांत जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के तरीकों के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त राम बाबू द्विवेदी ने सरकारी योजनाओं से किसानों को होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान दृष्टि योजनांतर्गत अजय कुमार सिंह को प्रथम किश्त के रूप में 18 लाख रूपये तथा श्रीमती राखी गौतम को दुग्ध उत्पादन के लिये 40 हजार रूपये का चेक सौंपा गया। इसके अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड योजनांतर्गत संजय कुमार सिंह को फसलोत्पादन के लिये 9.90 लाख रूपये, राजेश को मत्स्यपालन हेतु 01 लाख रूपये तथा श्री राकेश गौतम को दुग्ध उत्पादन के लिये 40 हजार रूपये का चेक दिया गया। इस अवसर पर कस्टम हायरिंग सेंटर, ट्रैक्टर तथा कम्बाईन हार्वेस्टर के लाभार्थी किसानों को पुरस्कृत किया गया।
गोष्ठी में कृषि निदेशक, डाॅ0 ए0पी0 श्रीवास्तव एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण सहित प्रदेश के विभिन्न के जनपदों से आये भारी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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