प्रदेश के 16 जनपदों में17 सी0एफ0सी0 की स्थापना

क्लस्टर विकास से इकाइयों को विनिर्माण, मार्केटिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग लैब, राॅ-मटेरियल बैंक आदि की उच्च गुणवत्ता सुविधाएं प्राप्त होंगी

स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में निर्यात की सम्भावनाएं भी बढ़ेगी- डा0 नवनीत सहगल

लखनऊ, शुक्रवार 12 फरवरी 2021 माघ मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा २०७७ प्रमादी नाम संवत्सर। भारत सरकार द्वारा संचालित सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में 15595.89 लाख रुपये की लागत से 17 सामान्य सुविधा केन्द्र (सी0एफ0सी0) की स्थापना कराई जोयगी। इससे संबंधित क्षेत्र की इकाइयों को विनिर्माण, मार्केटिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग लैब, राॅ-मटेरियल बैंक आदि की उच्च गुणवत्ता सुविधाएं प्राप्त होंगी।

साथ ही स्थानीय इकाइयों के उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए अग्रणी भूमिका में होंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में निर्यात की सम्भावनाओं को भी अधिक बल मिलेगा।

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि क्लस्टर आधारित विकास की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार को 17 परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे गये हैं। जनपद वाराणसी में 1385.30 लाख रुपये की लागत से हाई-टेक सिल्क विविंग एण्ड डिजाइन क्लस्टर, सोनभद्र में 772.20 लाख रुपये से कारपेट एवं दरी घोरावल क्लस्टर, संतकबीरनगर में 1057.80 लाख रुपये से ब्रास वेयर यूटेंशिल क्लस्टर तथा गोरखपुर में 283.05 लाख रुपये की लागत से टेराकोटा एवं पाॅटरी क्लस्टर की स्थापना कराई जायेगी। इसी प्रकार लखीमपुर खीरी में 99.50 लाख रुपये से चिकनकारी क्लस्टर, बदायूं में 625.00 लाख रुपये की लागत से जरी-जरदोजी क्लस्टर तथा मुरादाबाद में 1199.30 लाख रुपये से वुडेन प्रोसेसिंग क्लस्टर का विकास किया जायेगा।

 डा0 सहगल ने बताया कि इनके अलावा झांसी में दो क्लस्टर का विकास होगा, जिसमें से 823.52 लाख रुपये की लागत से प्रोसेसिंग पैकेजिंग मसाले एवं ग्रन्स क्ल्स्टर तथा 988.27 लाख रुपये की लागत से रानीपुर हैण्डलूम क्लस्टर की स्थापना होगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जनपद बाराबंकी में 496.64 लाख रुपये की लागत से चिकनकारी क्लस्टर, गाजीपुर में 497.60 लाख रुपये से जूल वाल हैंगिंग क्लस्टर तथा चन्दौली में 1500 लाख रुपये की लागत से पूर्वांचल एग्रो इण्डस्ट्रीज क्लस्टर का निर्माण किया जायेगा।

डा0 सहगल ने बताया कि मेरठ में लेदर गुड्स को बढ़ावा देने के लिए 1460.60 लाख रुपये से लेदर गुड्स क्लस्टर का विकास किया जायेगा। सम्भल में 1254.81 लाख रुपये से वुड प्रोसेसिंग एण्ड प्रोडेक्ट डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना कराई जायेगी। साथ ही जनपद आजमगढ़ में 701 लाख रुपये की लागत से जूट रोप यार्न, गौतमबुद्ध नगर में 2018.30 लाख रुपये से प्लास्टिक तथा सहारनपुर में 433 लाख रुपये से लेदर फुटरवियर क्लस्टर्स की स्थापना होगी।

डा0 सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक, सांस्कृतिक विविधिता को ध्यान में रखकर क्लस्टर को स्थापित कराये जाने की कार्यवाही की जा रही। इससे उत्तर प्रदेश को एम0एस0एम0ई के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि क्लस्टर योजना के तहत 20 करोड़ तक की परियोजनाएं ली जा सकती हैं। एल0डब्ल्यू0ई0 प्रभावित जिलें, महात्वाकांक्षी जिलें तथा 50 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म इकाइयां तथा महिला, एस0सी0 एवं एस0टी स्वामित्व वाली इकाइयां वाले जनपदों में सी0एफ0सी0 की स्थापना हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था। 

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