जीवन सफल बनाओ, कल शनिवार को भगवान श्रीराम के विवाह का महाप्रसाद पनकी धाम में पाओ

कानपुर, शुक्रवार 17दिसम्बर 2021 (चर्चा चक्र) मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी हेमंत ऋतु २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। देश के विख्यात पनकी हनुमान मंदिर में विवाह पंचमी का उत्सव प्रतिवर्ष की भांति बड़ी धूमधम से मनाया जा रहा है जहां एक ओर अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्म स्थल के मंदिर का जीर्णोद्धार रूपी पुनर्निर्माण हो रहा है वहीं दूसरी ओर पनकी हनुमान मंदिर में भगवान श्रीराम के विवाह की तिथि मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष पंचमी से मार्गशीर्ष पूर्णिमा तक उत्सव मनाया जा रहा है।

पनकी धाम के महंत जितेंद्र दास जी ने इस पर्व पर सभी भक्तजनों से भगवान श्रीराम के विवाह का महाप्रसाद पाने के लिए पनकी धाम आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि जन कल्याण के लिए पंच कुंडी महायज्ञ में कोरोना की संभावित आपदा के निदान के लिए महा आहुति दी गई है।

महामंडलेश्वर जितेन्द्र दास जी ने बताया कि इस पावन पर्व पर राम कथा का पाठ 8 दिसंबर 2021 से 17 दिसंबर 2021 तक चला और कल शनिवार 18 दिसंबर 2021 को भगवान श्रीराम के विवाह के उपलक्ष में धनुष यज्ञ तथा बारातियों को महाप्रसाद भोजन भंडारे के रूप में कराया जाएगा। रामचरितमानस के अनुसार प्रभु श्रीराम के विवाह में सभी लोग देवी-देवता, नर, किन्नर, यक्ष, गंधर्व आदि सभी लोग उपस्थित थे इसलिए आप सभी भक्तगण आए और इसका आनंद उठाएं, अपना परमार्थ बनाएं।

यज्ञ आचार्य मुकेश चतुर्वेदी जी (मथुरा द्वारिकाधीश मंदिर) से बात करते संपादक संजय कुमार मिश्र

मथुरा से आए यज्ञ आचार्य मुकेश चतुर्वेदी जी जो की पनकी मंदिर के पुरोहित भी हैं ने बताया की पनकी हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर है इसलिए पंच कुंडी यज्ञ किया जा रहा है। इस यज्ञ का आरंभ महंत भुवनेदास जी जिन्हें चौबे बाबा जी भी कहते हैं के द्वारा वर्ष 1998 में प्रारंभ किया गया था। उसी समय से प्रतिवर्ष किया जा रहा है आज यज्ञ की पूर्णाहुति हो गई है यज्ञ के उपरांत महा भंडारा कल भगवान श्री राम के बरात के रूप में किया जाएगा और दिन में ही मंदिर प्रांगण में धनुष भंग भी होगा। महंत जितेंद्र दास जी द्वारा चलाए जा रहे संस्कृत विद्यालय का कार्य सराहनीय है इससे हमारी संस्कृति और संस्कृति दोनों को बल मिलेगा पाठशाला में पढ़ने वाले छात्रों में सनातन धर्म की संस्कृति के लिए उत्साह दिख रहा है जो आने वाले भविष्य के लिए सुंदर रहेगा।

भगवान श्री राम कथा के वाचस्पति पंडित सुरेश चंद्र तिवारी मस्त जी ने कहा कथा से ही व्यथा का समाधान है जन हित के लिए कथाएं आवश्यक है इन कथाओं के माध्यम से बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है।

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