मदर्स डे के अवसर पर विशेष व्यक्तित्व की बात

  1. माँ रीनिका गुप्ता की देखरेख में जलपरी काव्या गुप्ता बनी लिम्का बुक रिकार्ड धारी
  2. मात्र २२ माह की उम्र में काव्या बनी जलपरी
  3. अर्जुन एवार्डी अभिन्न श्याम गुप्ता, काव्या गुप्ता के मामा

कानपुर, शनिवार 07मई 2022 वैशाख मास शुक्ल पक्ष षष्ठी ग्रीष्म ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। जिस उम्र में बच्चे पानी के नाम से डरते हैं, भय खाते हैं, उसको मात्र २२ माह में नन्ही जलपरी काव्या गुप्ता में कानपुर की गंगा नदी में प्रार्थना घार से मस्कर घाट तक ढाई किमी. की तैराकी मात्र 18 मिनट 24 सेकण्ड में तय कर "लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड" में अपना नाम दर्ज करवा कर सम्पूर्ण भारत वर्ष की यंगस्ट तैराक घोषित हुई है।

काव्या गुप्ता को तैराकी में ढेरों पुरस्कार मिले हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार यश भारती पुरस्कार ' 16 अप्रैल 2005 लखनऊ), भारत सरकार द्वारा नेशनल चाइल्ड एवार्ड, नई दिल्ली, नेशनल स्पोटर्स एवार्ड, सूर्यकान्त निराला सम्मान, जय जगत केसरी रत्न सम्मान, मुंबई, पोगो अमेजिंग किड्स एवाई इत्यादि अनेक पुरुस्कार काव्या अपनी झोली में डाल चुकी है। 

काव्या को यह हुनर विरासत में मिली है। उनकी मां रीनिका गुप्ता नेशनल तैराक रह चुकी है। पिता इं0 गिरिराज विजेता किशोर गुप्ता राजस्थान क्रास कंर्टी के धावक विजेता रह चुके है। ओलम्पियन एवं अर्जुन एवार्डी वैडमिन्टन खिलाड़ी अभिन्न श्याम गुप्ता, काव्या गुप्ता के मामा हैं।

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