नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के 275 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित

  • प्रदेश का हर बच्चा बालश्रम मे न संलिप्त होकर, शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित होकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करेगा
  • नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के 275 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया गया
  • बाल श्रम मुक्त घोषित की जा रही ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डाें में यह भी सुनिश्चित किया जाये कि पुनः कोई भी बच्चा बाल श्रम में संलिप्त न हो
  • बाल श्रमिकों एवं अनाथ बच्चों हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर अटल आवासीय विद्यालय का शीघ्र ही संचालन किया जायेगा - अनिल राजभर, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री

लखनऊ, रविवार 12जून 2022 (सूवि) जेष्ठ मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तदुपरि त्रयोदशी ग्रीष्म ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर।  प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का प्रत्येक बच्चा बालश्रम मे न संलिप्त हो तथा शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित होकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। 

उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि किसी भी गरीब का बच्चा बाल श्रमिक के रूप में न दिखायी दे। यह वक्तव्य राजभर ने आज अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिए।

अनिल राजभर ने नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के 275 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नया सवेरा योजना कार्यक्रम श्रम विभाग द्वारा गत 05 वर्षाें से संचालित किया जा रहा है और पूर्व में भी नया सवेरा योजना से आच्छादित जनपदों के 365 ग्राम पंचायतें/शहरी वार्डाें को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जनपद स्तर पर ग्राम प्रधानों, पार्षदों व विभिन्न विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने अपेक्षा की, कि जिन ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डाें को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा रहा है, वहां यह भी सुनिश्चित किया जाये कि पुनः कोई भी बच्चा बाल श्रम में संलिप्त न हो।

श्रम मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बाल श्रमिकों एवं अनाथ बच्चों हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर अटल आवासीय विद्यालय का शीघ्र ही संचालन किया जाय। उन्होंने कहा कि बाल श्रम देश के लिए अभिशाप है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा के उन्मूलन के लिये समाज के सभी वर्गाें को आगे आना होगा, जिससे आगामी वर्षाें में प्रदेश को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा सके, जो पूरेे देश के लिए एक गौरव की बात होगी।

इस कार्यक्रम में नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के 800 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के विशिष्टि अतिथि श्री पं0 सुनील भराला, अध्यक्ष, श्रम कल्याण परिषद ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश कामयाबी की नयी ऊचाँईयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह लक्ष्य है कि प्रत्येक बच्चे को विद्यालय में प्रवेश मिले और शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित कराया जाये। साथ ही उन्होंने बताया कि श्रम कल्याण परिषद भी प्रदेश में कार्य कर रहे फैक्ट्री मजदूरों के हितो में योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है और फैक्ट्री मजदूरों को योजनाओं से लाभान्वित भी करा रहा है।

अध्यक्ष, उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्शदात्री समिति, रघुराज सिंह ने कहा कि प्रदेश इसी प्रकार से मा0 योगी जी के नेेतृत्व में नई-नई बुलन्दियों का छूता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश जल्द से जल्द बाल श्रम मुक्त होगा और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।  

अपर मुख्य सचिव, श्रम सुरेश चन्द्रा ने बताया कि शासन पूरी तरह से प्रदेश को बाल श्रम मुक्ति की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत है। इसीलिए उ0प्र0 शासन द्वारा प्रत्येक तिमाही बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन हेतु विशेष अभियान का संचालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर बाल श्रम से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की क्षमतावृद्धि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है तथा बाल श्रम से सम्बन्धित कानूनों का भी प्रवर्तन किया जाता है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग और यूनीसेफ के सहयोग से प्रदेश के 20 जिलों में नया सवेरा योजना का संचालन किया जा रहा है।

श्रम आयुक्त, श्रीमती शकुन्तला गौतम ने कहा कि श्रम विभाग इस वर्ष नया सवेरा योजना से आच्छादित 20 जनपदों के चिन्हित हॉट-स्पाटों के 275 ग्राम पंचायतों/शहरी वार्डाें को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जाना प्रदेश को बाल श्रम मुक्ति की ओर ले जाने हेतु एक अभिनव प्रयास है। उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार से हमें समाज के सभी वर्गाें का सहयोग प्राप्त होता रहा तो शीघ्र ही नया सवेरा योजना से आच्छादित जनपदों के 20 जिलों के साथ पूरे प्रदेश को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जाना सम्भव हो सकेगा।

कार्यक्रम में विशिष्टि अतिथि के रूप में उपस्थित यूनिसेफ इंडिया कंट्री ऑफिस की डेप्युटी रेप्रेजेंटेटिव, सुश्री लाना कटाउ ने कार्यक्रम के दौरान बताया की यूनिसेफ प्रत्येक बच्चे के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि "प्रत्येक बच्चे को जीवन में शिक्षा का अधिकार है। हर बच्चे को समान अवसर मिलने चाहिए। बाल श्रम न केवल बच्चे को एक उज्ज्वल भविष्य से वंचित रखता है, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक एवं उत्पादक व्यक्ति से वंचित करता है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण बड़ी संख्या में बच्चे बालश्रम करने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर सभी को मिल कर प्रण लेना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा एवं सुरक्षित भविष्य मिल सके।"

कार्यक्रम में अपर श्रमायुक्त, अंजूलता, सचिव, विपिन जैन, अपर श्रमायुक्त, सरजू राम, अपर श्रमायुक्त एस0पी0 शुक्ल, अपर श्रमायुक्त मधुर सिंह, उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर, उप श्रमायुक्त अनुभव वर्मा, उप श्रमायुक्त पंकज सिंह राणा, गौरव कुमार अभियन्ता, मुख्यालय कानपुर सैय्यद रिज़वान अली, राज्य समन्वयक, मुख्यालय कानपुर, मंसूर कादरी, यूनीसेफ, दिनेश कुमार यूनीसेफ, अमित महरोत्रा यूनीसेफ आ

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