प्रधानमंत्री रोजगार सृजन की महत्पूर्ण भूमिका

  1. बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना
  2. इस योजना के तहत विगत पांच वर्षों में 40 हजार इकाइयां स्थापित और 05 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए
  3. पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में लक्ष्य के सापेक्ष मार्जिनमनी वितरण में 123 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गई
  4. इस वर्ष 200 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जाय- डा0 नवनीत सहगल

लखनऊ, शुक्रवार 29जुलाई 2022 (सूवि) श्रावण मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, वर्षा ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। पउत्तर प्रदेश के अपर प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने में भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन (पीएमईजीपी) की महत्पूर्ण भूमिका है। इस योजना के तहत विगत पांच वर्षों में 40 हजार इकाइयां स्थापित हुई और लगभग 05 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आसानी से ऋण मिले। बैंकों को इस दिशा में और संवेदनशील होकर सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।

डा0 सहगल आज केन्द्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा गन्ना संस्थान में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में उद्योग विभाग, उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने मिलकर लक्ष्य के सापेक्ष मार्जिनमनी वितरण में 123 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गई है। प्रदेश की 12581 इकाइयों को पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 410.53 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान एवं बैंकों द्वारा 1181.73 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से 100648 लोगों का रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 12682 इकाई लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने मौके पर ही तीन एजेंसियों को अलग-अलग लक्ष्य भी निर्धारित करते हुए इस वर्ष 200 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जाय। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अधिकारियों को ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा।

डा0 सहगल ने कार्यशाला में पी0एम0ई0जी0पी0 के क्रियान्वयन की विस्तार से समीक्षा की और कहा कि भारत सरकार द्वारा पीएमईजी के बेहतर संचालन हेतु कतिपय बदलाव के साथ प्रस्ताव की लागत को बढ़ाया गया है। पीएमईजीपी में ट्रेड, डेयरी, पोल्ट्री एवं ट्रांस्पोर्ट सहित अन्य उद्योगों को शामिल किया गया है। जिससे यह योजना और भी प्रभावकारी सिद्ध होगी। उन्होंने सभी बैक प्रतिनिधियों से कहा कि वे ऋण आवेदन पत्रों के निरस्तीकरण का अनुपात अधिक है, इसके कम किया जाये। लम्बित परियोजनाओं के प्रस्तावों को शीघ्रातिशीघ्र स्वीकृत करके मार्जिनमनी अनुदान प्राप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 35 जनपदों के जिला उद्योग केन्द्रों पर सिडबी ने एक कन्सलटेंट नियुक्त किया है। साथ ही 18 मण्डल मुख्यालयों पर भी अलग से एक-एक कन्सलटेंट तैनात किये गये हे। ये नये उद्यमी बनने वाले लोगाें की मदद करेंगे और उनका फार्म भी भरवायेंगे। शीघ्र भी सभी जनपदों में यह सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।

कार्यशाला में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग मनीष चौहान, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक राजेश कुमार, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्त उद्योग, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला अग्रणी प्रबंधक तथा बैंकों के स्थानीय प्रमुख ने प्रतिभाग किया।

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