प्रदेश के 8 जनपदों में आज से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए) कार्यक्रम प्रारंभ

मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में फाइलेरिया रोधी दवाएं खाकर उत्तर प्रदेश को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से मुक्त करें- जय प्रताप सिंह

लखनऊ, (पीआईबी) सोमवार 21 दिसम्बर, 2020 मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष सप्तमी 2077 प्रमादी नाम संवत्सर। प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन (एमडीए) अभियान का शुभारम्भ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया रोग से पूर्ण रूप से मुक्त करने के लिए हम सबको मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में फाइलेरिया रोधी दवाएं अवश्य खाना है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में प्रदेश सरकार कोविड-19 से लड़ने हेतु हर संभव कार्य निरंतर कर रही है, साथ ही

हर व्यक्ति तक अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवायें सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु वचनबद्ध भी है।  

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया, जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है, एक घातक रोग है जो कि मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के संक्रमण से सभी को, खासतौर से बच्चों को खतरा है। लेकिन इसकी रोकथाम संभव है और बचने का समाधान भी सरल है, और सामुदायिक भागीदारी से ही हाथीपांव को हराकर हम अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के 8 चयनित जनपदों में चलाये जा रहे इस अभियान का शुभारंभ जनपद सुल्तानपुर से किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम आज से शुरू किया जा रहा है, उन स्थानों पर, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोविड-19 के आदर्श मानकों और दो गज की दूरी का अनुपालन करते हुए समुदाय के सभी लाभार्थियों को घर-घर जा कर निःशुल्क दवाइयाँ खिलाई जायेगी। यह दवायें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ०2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर, सभी को स्वास्थ्य कर्मी के सामने एमडीए दवाओं का सेवन करना है। इसी के साथ उन्होंने, जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया कि अपने क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करें ताकि लोग इन दवाओं को स्वीकार करें।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने खुद फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर और लाभार्थियों को दवा का सेवन करवाकर अभियान का शुभारंभ किया।

इसके साथ ही बैठक में उपस्थित विधायकों और जिलाधिकारी सहित सभी लोगों ने भी दवा का सेवन किया। उन्होंने अपील की, कि सभी लोग स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें और उनके सामने ही अपनी एमडीए दवायें जरूर खाएँ। उन्होंने लोगों से यह भी अनुरोध किया कि प्रदेश को फाइलेरिया से मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे एमडीए अभियान को सफल बनायें और सब एकजुट होकर उत्तर प्रदेश को फाइलेरिया से मुक्त कर, एक सशक्त और स्वस्थ प्रदेश बनाने के लक्ष्य में सहयोग करें

अपर निदेशक, वेक्टर बॉर्न डिसीज नियंत्रण कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार डॉ, नूपुर रॉय ने कहा कि भारत सरकार वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता के साथ, देश के सारे प्रदेशों के साथ समन्वय बनाकर, कोविड- 19 के समय भी रणनीति बनाकर एमडीए गतिविधियों को सफलता पूर्वक संपादित करने के अथक प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता की सराहना करती हूँ।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. एन.एस.धर्मशक्तु ने फाइलेरिया रोग के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। राज्य कार्यक्रम अधिकारी फाइलेरिया ने कहा कि हाइड्रोसील एवं काईल्यूरिया (सफेद रंग का मूत्र में स्त्राव) भी फाइलेरिया के कारण ही होता है और इन दवाओं के सेवन से इन दोनों बीमारियों से बचा जा सकता है।

इस अभियान का उदघाटन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं यथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, पाथ एवं सीफार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किया गया। 

इस अवसर पर विधायक सुल्तानपुर, विधायक सदर, विधायक कादीपुर, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सुलतानपुर के साथ ही भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य 7 जनपदों के अधिकारी व जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जनपद सुल्तानपुर में आयोजित हुए इस उदघाटन कार्यक्रम में अन्य सात जनपदों, जिनमें मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन (एमडीए) अभियान शुरू किया जा रहा है, वहां के लोगों ने भी वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया।

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