राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में योग से संबंधित एक क्विज प्रतियोगिता का आयोज



कानपुर नगर। शशनिवार 21जून 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में विश्व योग दिवस के अवसर पर हरीतिमा से युक्त संस्थान के लान में निदेशक, प्रो. सीमा परोहा के नेतृत्व में योग किया गया। योग प्रशिक्षक आशुतोष बाजपेई ने संस्थान कर्मियों को योग के विभिन्न आसनों को करवाते हुये उससे शरीर के विविध अंगों को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर योग से संबंधित एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान कर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सहायक निदेशक, श्रीमती मल्लिका द्विवेदी ने उसी उत्साह से क्विज प्रश्नोत्तरी का संचालन किया।

प्राकृतिक सुषमा से युक्त वातावरण में योग प्रेमियों का उत्साह देखते ही बनता था। इस अवसर पर संस्थान कर्मियों द्वारा एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थान में विभिन्न प्रजातियों-यथा आम, पाकड़ नीम, कटहल, शीशम, बरगद, पीपल आदि का वृहद वृक्षारोपण कर प्राकृति सुषमा के संवर्धन का पावन संकल्प लिया गया। प्रतियोगिता में अखिलेश कुमार पांडे प्रथम, संजय चौहान द्वितीय एवं अनूप कुमार कनौजिय को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निदेशक महोदया द्वारा विजेता प्रतिभागियों को योग मैट देकर प्रोत्साहित किया गया।

योग कर्ताओं का स्वागत एवं उत्साह वर्धन करते हुये प्रो.सीमा परोहा ने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदत्त संसाधनों से अपनी शारीरिक क्रियाओं को साधते हुये स्वास्थ्य वर्धन करना ही योग है। योग के बल पर ही हमारे ऋषि-मुनि शतायु हुआ करते थे। किंवदंती है कि आज भी हिमालय की कंदराओं में हजारों वर्षों से कुछ ऋषि तपस्यारत हैं। उनका अपनी सांसों पर नियंत्रण है इसीलिये वे जन्म-मरण की गति से मुक्त हैं। श्रीकृष्ण को योगपुरुष कहा जाता था। कहते हैं योग के बल पर ही श्रीकृष्ण ने दुर्योधन की दरबार में विशाल रूप धारण किया था।

योग के उपरांत कर्मियों ने फल एवं कुल्हड़ लस्सी का सेवन कर ऊर्जा की पूर्ति की।

कार्यक्रम में संजय चौहान, अनूप कनौजिया, विवेक प्रताप सिंह, सुभाष चंद्रा, आशीष कुमार शुक्ला, अखिलेश कुमार पांडे, डॉ.लोकेश बाबर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (रा.भा.), दया शंकर मिश्र, निजी सचिव एवं उमेश चंद्र पांडेय, प्रवर श्रेणी लिपिक का विशेष य़ोगदान रहा।

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