महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने पर ही होगा विकास -आलोक रंजन

विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को किया गया सम्मानित

 लखनऊ, रविवार 08 मार्च 2021 फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष दशमी २०७७ प्रमादी नाम संवत्सर।  आज 8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय में स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया।

      इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री आलोक रंजन जी ने कहा कि महिलाओं को मुख्यधारा में लाने से ही विकास होगा। नारी शक्ति में शतप्रतिशत साक्षरता दर हो तो देश अपने आप आगे बढ़ेगा। महिलाओं की साक्षरता दर कम होने से कई दिक्कतें आती हैं। उनमें जागरूकता की कमी होती है। महिलाएं शिक्षित हों तो समाज समृद्ध होगा। लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। महिलाएं अगर शिक्षित होंगी तो जीडीपी अपने आप बढ़ेगी। कई देश इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि भारत में लेबर पार्टिसिपेशन रेट में महिलाओं का योगदान काफी कम है। अगर इसमें बढ़ोतरी होती है तो देश और प्रदेश का विकास अपने आप होगा और जीडीपी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा की गृहणियों के योगदान को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। उनके योगदान को भी हमें जानना होगा। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना होगा। इसमें सीमा का योगदान महत्वपूर्ण है। आज महिला दिवस के मौके पर महिलाओं का सम्मान कर मुझे गौरव का एहसास हो रहा है। सीमा सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहा है इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

      इस अवसर पर सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में वह सीमा से जुड़ें और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करें। महिलाएं जब आगे आएंगी तभी देश और प्रदेश उन्नति करेगा। महिलाओं को देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाना चाहिए ।

      भाउराव देवरस पीठ के निदेशक प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि महिलाएं ही समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।एक शिशु के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा उसके सामाजिक उत्थान मानवता और संस्कृति के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समाज में समरसता सद्भावना और वसुधैव कुटुंबकम के स्वरूप को साकार करने में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है। परिवार और समाज में नए नैतिकता और दायित्वों की उत्पत्ति इन्हीं के अवसर पर पल्लवित एवं पोषित की जाती है।

      कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इन विभूतियों में शिक्षा के क्षेत्र से डॉ. सनोबर हैदर और नेशनल पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीरजा, लेफ्टिनेंट नैंसी गुप्ता हैं। वहीं शिल्प के क्षेत्र से पर्निका, सामाजिक कार्यों के क्षेत्र से अनीता सहगल श्वसुंधरा, काव्या, श्यामली श्रीवास्तव, रिचा सेखव को सम्मानित किया गया। इसके अलावा एमएसएमई के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहीं अपर्णा मिश्रा, शिप्रा आनंद, नाजिया रिजवी, अनुष्का, प्रेरणा श्रीवास्तव, संगीता, अंजलि, प्रशांति रंजन, राजकुमारी, ममता, ओवरसीज एंटरप्रेन्योर प्रेरणा श्रीवास्तव और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. विभा सिंह को सम्मान दिया गया। पैरामेडिकल विभाग की सोनिया चड्ढा और पुलिस विभाग की श्वेता श्रीवास्तव को विभूषित किया गया। वहीं मीडिया के क्षेत्र से टाइम्स ऑफ इंडिया की मोहित तिवारी, हिंदुस्तान से आंचल अवस्थी, सहारा से शिल्पी, टाइम्स ऑफ इंडिया से नेहा, एनबीटी से वन्या दीक्षित, अमर उजाला से रोली खन्ना और दैनिक जागरण से रुमा सिन्हा को सम्मानित किया गया।

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