- प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार दे रही विशेष ध्यान
- ओडीओपी योजना प्रदेश की एमएसएमई के लिए गेम चेंजर साबित हुई -डा0 नवनीत सहगल
प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और देश-विदेश से निवेश आकर्षित करने के लिए प्रमुख 2 बिन्दुओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। इनमें से पहला राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का विकास और दूसरा औद्योगीकरण के अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की महात्वकांक्षी एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना प्रदेश की एमएसएमई के लिए गेम चेंजर साबित हुई है।
डा0 सहगल आज औद्योगीकरण को बढ़ावा देने तथा निवेशकों को प्रोत्साहित करने के संबंध में इन्स्टीट्यूट ऑफ डाइरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष बल दिया है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण, नये एअरपोर्ट की स्थापना, पावर स्टेशन के विकास को प्रमुखता दी गई है। प्रदेश में पारंपरिक कारीगरों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए उन्हें सीधे बाजार से जोड़ा गया है। पारंपरिक उत्पादों के निर्यात को बढावा दिया गया है।
ओडीओपी योजना के तहत हर जिले के विशेष उत्पादों को हार्ड एवं साफ्ट इन्टरवेशन के माध्यम से परंपरागत उत्पादों की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया के साथ समझौता किया गया है। कारीगर अपने उत्पाद को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सके इसके लिए ई-मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कारीगरों एवं उद्यमियों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिले, इसके लिए विश्वस्तीय प्रोडेक्ट तैयार करने में उनकी मदद की जा रही है। इसके लिए निफ्ट एवं आईआईटी जैसे संस्थाओं के साथ अनुबंध भी किया गया है। साथ-साथ कारीगरों को उन्नत किस्म के टूल्स भी प्रदान किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने यू0पी0 को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसको पूरा करने में ओडीओपी कार्यक्रम का अहम योगदान होगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विगत 04 वर्षों में 80 लाख एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसएमई के माध्यम से ग्लोबल सप्लाई चेन को कायम रखने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय की अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ावा दिया है। सरकार ने निर्यातकों की वित्तीय संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए बैंकों के साथ एम0ओ0यू0 किया है। प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई निर्यात नीति लागू की गई है। ग्लोबल एक्जीविशन में उद्यमियों एवं कारीगरों को प्रतिभाग कराया जा रहा है। इसके फलस्वरूप इस वर्ष निर्यात में 38 प्रतिशत वृद्धि हुई।
डा0 सहगल आज औद्योगीकरण को बढ़ावा देने तथा निवेशकों को प्रोत्साहित करने के संबंध में इन्स्टीट्यूट ऑफ डाइरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष बल दिया है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण, नये एअरपोर्ट की स्थापना, पावर स्टेशन के विकास को प्रमुखता दी गई है। प्रदेश में पारंपरिक कारीगरों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए उन्हें सीधे बाजार से जोड़ा गया है। पारंपरिक उत्पादों के निर्यात को बढावा दिया गया है।
ओडीओपी योजना के तहत हर जिले के विशेष उत्पादों को हार्ड एवं साफ्ट इन्टरवेशन के माध्यम से परंपरागत उत्पादों की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया के साथ समझौता किया गया है। कारीगर अपने उत्पाद को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सके इसके लिए ई-मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कारीगरों एवं उद्यमियों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिले, इसके लिए विश्वस्तीय प्रोडेक्ट तैयार करने में उनकी मदद की जा रही है। इसके लिए निफ्ट एवं आईआईटी जैसे संस्थाओं के साथ अनुबंध भी किया गया है। साथ-साथ कारीगरों को उन्नत किस्म के टूल्स भी प्रदान किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने यू0पी0 को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसको पूरा करने में ओडीओपी कार्यक्रम का अहम योगदान होगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विगत 04 वर्षों में 80 लाख एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसएमई के माध्यम से ग्लोबल सप्लाई चेन को कायम रखने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय की अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ावा दिया है। सरकार ने निर्यातकों की वित्तीय संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए बैंकों के साथ एम0ओ0यू0 किया है। प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई निर्यात नीति लागू की गई है। ग्लोबल एक्जीविशन में उद्यमियों एवं कारीगरों को प्रतिभाग कराया जा रहा है। इसके फलस्वरूप इस वर्ष निर्यात में 38 प्रतिशत वृद्धि हुई।
addComments
एक टिप्पणी भेजें