- शिक्षकों के जनपदीय सम्मेलन हुआ सम्पन्न
- वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय दिलाने की मांग उठी
- नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण
- उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला
कानपुर, मंगलवार 07दिसम्बर 2021 (प्रतिनिधि) मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी हेमंत ऋतु २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। मंगलवार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ पांडे गुट के जनपद के वार्षिक सम्मेलन आज स्थानीय जीएनके इंटर कॉलेज सिविल लाइन कानपुर में भारी संख्या में शिक्षकों/शिक्षिकाओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
सम्मेलन की मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला और वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त की।
विशेष अतिथि के रुप में वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर आरपी सिंह वित्तविहीन शिक्षकों के निश्चित मानदेय की मांग की वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ पांडे गुटके संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सिंह जी ने भी पुरानी पेंशन और वित्तविहीन शिक्षकों के सम्मानजनक मानदेय के लिए मांग की संगठन प्रमुख श्रीकांत दिवेदी ने सभी शिक्षकों की पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के साथ ही उक्त कार्यक्रम में सेवानिवृत्त तथा वित्तविहीन के ढाई सौ शिक्षकों शिक्षिकाओं को मुख्य अतिथि श्रीमती नीलिमा कटियार उच्च शिक्षा राज्य मंत्री एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरुण के द्वारा सम्मानित किया गया।
उपयुक्त सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अनिल मिश्रा, डॉ नरेंद्र द्विवेदी ने भी विचार व्यक्त किए। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह लल्ला प्रदेश मंत्री बृज भूषण मिश्र व गोपाल शरण सिंह सेंगर मंडल अध्यक्ष आर सी पांडे मंडल मंत्री सुनीत कुमार वर्मा जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार कटियार जिला मंत्री राहुल मिश्रा उपाध्यक्ष अजय कुमार मिश्र कोषाध्यक्ष शेखर चौधरी आदि ने प्रतिभाग किया सभा का संचालन शैलेन्द्र द्विवेदी ने किया।प्रदेश के वित्तविहीन शिक्षकों के 5 लाख परिवारों को सम्मानजनक भरण पोषण पर दृष्टांत बताते हुए चिंता व्यक्त की उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि के रुप में उपस्थित मुख्य अतिथि श्रीमती नीलिमा कटियार उच्च शिक्षा राज्य मंत्री से अपेक्षा की कि वे मुख्यमंत्री से वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय एवं सेवा नियमावली शीघ्र जारी कराने का प्रयास करें।
सम्मेलन में उपस्थित व्यवसायिक शिक्षकों का मानदेय ₹15000 से बढ़ाकर ₹45000 किए जाने के प्रस्ताव खुले अधिवेशन में पारित किया गया। नगर निगमों के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग से अलग कर उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है। इस पर भी संगठन के नेताओं ने चिंता व्यक्त की।मदरसों के शिक्षकों व प्रधानाचार्यो को उनके विभाग से किसी भी प्रकार की समस्याओं का हल प्राप्त नही हो रहा है और न ही उनके संस्थानों का रख रखाव ठीक ढंग से हो पा रहा है इसकी भी सरकार से मांग की गई। श्री द्विवेदी ने यह भी मांग की गई कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा वित्तविहीन और पब्लिक स्कूलों पर कमियों के आरोप लगा कर अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाय।
जिला मंत्री राहुल कुमार मिश्रा ने इसके अतिरिक्त शिक्षक नेताओं ने नई शिक्षा नीति के अप्रैल 2022 के होने वाले क्रियान्वयन में शिक्षकों की भागीदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
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