वैश्विक उम्मीदों के साथ ही हमारी जीवन पद्धति और संस्कृति ऐसी है जिसमें कार्बन उत्सर्जन को ज्यादा बल नहीं मिलता

  1. प्रकृति के संरक्षण व देश की आर्थिक उन्नति के लिए हम सभी अनावश्यक बिजली के उपयोग से बचें
  2. वर्ष 2070 तक देश में कार्बन का शून्य उत्सर्जन प्राप्त होगा
  3. वर्ष 2030 तक भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त करेगा
  4. कृषि, यातायात, एमएसएमई और भवन निर्माण के क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता का अधिकाधिक प्रयोग किया जायेगा
  5. दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र उ0प्र0 ऊर्जा दक्ष हो जाये तो विश्व के साथ-साथ भारत के लिए भी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी- ए0के0 शर्मा
  6. जीवन बचाने के लिए आवश्यक है कि कार्बन उत्सर्जन को समय रहते नियंत्रित कर लिया जाये, इससे बढ़ती हुई बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी
  7. कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बिजली बचाने और कम ऊर्जा खपत करने वाले उपकरणों के प्रयोग करने की अपील की -अरूण कुमार सक्सेना

लखनऊ, मंगलवार 17मई 2022 (सूवि) जेष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तदुपरि द्वितीया ग्रीष्म ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर विकसित देश खासतौर से अमेरिका ने हमारे देश में कार्बन उत्सर्जन के मामले में ज्यादा दबाव नहीं बना पाया। 

मोदी जी के कारण ही जलवायु परिवर्तन की एक न्यायपूर्ण व्यवस्था बनी, जिससे आज विकासशील देश बिना दबाव के आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक उम्मीदों के साथ ही हमारी जीवन पद्धति और संस्कृति ऐसी है जिसमें कार्बन उत्सर्जन को ज्यादा बल नहीं मिलता।

हम प्रकृति के साथ तदात्म स्थापित करते हुए उसके मूल तत्व को नुकसान पहुंचाये वगैर, इसकी रक्षा करते हुए जीवन जीते हैं। फिर भी हम सभी कार्बन के दुष्प्रभावों को कम करने तथा बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करने के लिए अभी से इसकी शुरूआत करनी है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण व देश की आर्थिक उन्नति के लिए हम सभी अनावश्यक बिजली के उपयोग से बचें।

ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा कार्बन के शून्य उत्सर्जन की दिशा में स्टेट एनर्जी एफिशियन्सी एक्शन प्लान पर स्टेक होल्डर की सलाह हेतु होटल फार्चून पार्क हजरतगंज, लखनऊ में आयोजित कार्यशाला को आज बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सम्मुख ग्लासगो, अमेरिका में हुये सीओपी-26 सम्मेलन में ’पंचामृत’ कार्यक्रम के तहत 05 मूल विषयों पर प्रतिबद्धता व्यक्त की थी, जिसके तहत वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी कर 01 लाख टन तक कम की जायेगी और वर्ष 2070 तक देश में कार्बन का शून्य उत्सर्जन प्राप्त होगा, इसके लिए हमें थर्मल ऊर्जा के स्थान पर सौर ऊर्जा और अन्य प्राकृतिक स्रोतों से ऊर्जा उत्सर्जन को बढ़ावा देना होगा, जिसके लिए केन्द्र सरकार प्रयास कर रही है। वर्ष 2030 तक भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त करेगा और यह लगभग 500 गेगावाट तक होगा। इसी प्रकार प्रदेश वर्ष 2030 तक 40 हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी से होने का लक्ष्य है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जलवायुु परिवर्तन और ताप को नियंत्रित करने के लक्ष्य को सभी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से पूरा किया जाना है। उ0प्र0 में नेडा, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इस पर कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 04 क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं जिसमें कृषि, यातायात, एमएसएमई और भवन निर्माण के क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता का अधिकाधिक प्रयोग किया जाना है। लक्ष्य को पाने के लिए जरूरी है कि हम सभी अपने जीवन में पेड़-पौधा जरूर लगाये साथ ही सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा कर सकें। सभी किसान और हाउस होल्डर स्वयं बिजली पैदाकर अतिरिक्त बिजली से मुनाफा भी कमा सकते हैं। इसी प्रकार खेती-बाड़ी में माइक्रोईरिगेशन, ड्रिपस्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग कर भी बिजली की बचत की जा सकती है। इसी प्रकार यातायात के क्षेत्र में भी ई-एनर्जी का प्रयोग किया जा सकता है। उद्योग और एमएसएमई क्षेत्रों को भी ऊर्जा दक्ष बनाना है। उन्होंने कहा कि दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र उ0प्र0 ऊर्जा दक्ष हो जाये तो विश्व के साथ-साथ भारत के लिए भी बहुत बड़ी उपलब्धि। कम ऊर्जा खपत करके किसी भी कार्य को पूरा किया जा सकता है। इस पर मजाक करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली खपत हल्का करने के चक्कर में चाइना का बल्ब खरीदकर न लगा लेना।

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना ने इस अवसर पर कहा कि जीवन बचाने के लिए आवश्यक है कि कार्बन उत्सर्जन को समय रहते नियंत्रित कर लिया जाये, इससे बढ़ती हुई बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कार्बन के ज्यादा उत्सर्जन से गर्मी बढ़ रही है जिसके लिए जरूरी है कि बिजली की कम खपत वाले उपकरणों का उपयोग किया जाये। परिवार के प्रत्येक सदस्य को भी पेड़ लगाना चाहिए। किसान भी अपनी खेत की मेड़ पर पेड़ लगा सकते हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है। उन्होंने सभी से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बिजली बचाने पर बल दिया और कम ऊर्जा खपत करने वाले उपकरणों के प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे प्रकृति का संरक्षण होगा साथ ही देश की अर्थव्यवस्था बढे़गी और समाज का विकास होगा। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है जिसे हम ऊर्जा दक्षता के बल पर इससे बच सकते हैं।

कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि ए0के0 शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि अरूण कुमार सक्सेना द्वारा दीप प्रज्वलित कर तथा राष्ट्रगान गाकर किया गया। सभी अतिथियों को पौधा भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन व पर्यावरण मनोज सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा एम0 देवराज, सचिव ऊर्जा पंकज कुमार, सचिव पर्यावरण आशीष तिवारी, विशेष सचिव नेडा भवानी सिंह खंगारावत सहित विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

टिप्पणियाँ
Popular posts
हर व्यक्ति को प्रत्येक दिन योग का अभ्यास करना चाहिए - दिनेश सिंह कुशवाहा
चित्र
अवैध कब्जा करने वालों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ एंटी भू माफिया, गैंगस्टर आदि धाराओं में कठोरतम कार्यवाही के निर्देश
चित्र
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविध्यालय का डायट कानपुर देहात और डायट कानपुर नगर के साथ हुआ MoU
चित्र
विश्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया
चित्र
सभी मतदेय स्थलों में छाया, शौचालय, पेयजल व्यवस्था एवं बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाओं हेतु रैम्प आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए - जिलाधिकारी
चित्र