जानिए किन तीन खास मुहूर्त मे करें मूर्ति स्थापना....ज्योतिष गुरु पं. विजय पाण्डेय

  1. घर घर विराजेगे आज बप्पा गणेश
  2. बप्पा के इन स्वरुपों का पूजन करने से मिलगा रिद्धि सिद्धि का वरदान

कानपुर, मंगलवार 30अगस्त 2022 भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष तृतीया, शरद ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। पूरे देश मे 11दिवस से लिये गणपति उत्सव की धूम आज से शुरुआत होने जा रही है भाद्र पद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि बुधवार को स्वाति नक्षत्र के मध्यान काल मे बप्पा का आगमन होने जा रहा है जिसकी तैयारियां इस वर्ष बड़े जोरो शोरो पर हो रही है सड़को मोहल्लो व घरों मे बप्पा के आगमन से पहले ही सुंदर सजावट के साथ पंडाल व स्टेज चौकी बनायीं जा चुकी है अब बस प्रतीक्षा है शंख घंटा घड़ीयाल व मंत्र ध्वनियों के बीच भगवती गौरी के लल्ला के आगमन का। 

दों वर्षो के कोरोना काल के बाद इस वर्ष गणेश महोत्सव धूमधाम के साथ बड़े ही शुभ योग व तिथि मे मनाया जायेगा। शास्त्रों व ज्योतिषयों की माने तों भगवान गणपति सप्ताह मे बुधवार के अधिष्टाता है ओर इसी दिन बाप्पा अपने भक्तों को दर्शन देने आरहे है। यह जानकारी देते हुये शहर के वरिष्ठ ज्योतिष गुरु पं. विजय पाण्डेय बताते है की इस वर्ष कई महा संयोग भी एक साथ बना रहें है जो देश काल मे शुभता व लाभ के प्रतीक है बुधवार को ही रवि योग व स्वाति नक्षत्र के साथ चार प्रमुख गृह भी स्वराशी मे मौजूद रहेंगे गुरु अपनी स्वराशि मीन मे, शनि मकर मे व बुध कन्या के साथ सूर्य देव श्वराशि सिंह मे मौजूद रहेंगे यें सभी संयोग के मध्यकाल मे गणेश स्थापना करने से व्यक्ति के जीवन मे वैभव, समृद्धि ओर शुभ लाभ के सुख की प्राप्ति होंगी।

इस स्वरूप मे घऱ मे स्थापित करें गणेश प्रतिमा

ज्योतिष गुरु पंडित विजय पाण्डेय ने बताया की घरों व पंडालो मे भगवान गणेश की कैसी प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। उन्होने बताया की सार्वजनिक जगहों के पंडालो मे 3 फिट से लेकर 100 फिट तक की प्रतिमा स्थापित की जासक्ति है इन स्थानों पर गणेश स्थापना के लिए भगवान गणपति की मूर्ति मिट्टी से बनी हुई होनी चाहिए।

वहीं घर और अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भगवान गणेश की मूर्ति मिट्टी के अलावा सोने, चांदी, स्फटिक और अन्य चीजों से बनी मूर्ति रख सकते हैं जो कि एक फिट से अधिक नही होनी चाहिए । साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा जब भी स्थापित करें तो इस बात का ध्यान रखें कि उनकी मूर्ति खंडित अवस्था में नहीं होनी चाहिए। गणेशजी की मूर्ति में उनके हाथों में अंकुश,पाश, लड्डू, सूंड धुमावदार उत्तर दिशा की ओर हों और हाथ वरदान देने की मुद्रा वाली होनी चाहिए। इसके अलावा उनके शरीर पर जनेऊ और उनका वाहन चूहा जरूर होना चाहिए। साथ ही भगवान को भोग मे मेवे के लड्डू, मोदक का भोग व पान सुपारी के साथ दक्षिणा अर्पण करनी चाहिए।

इन शुभ मुहूर्त मे करें स्थापना

ज्योतिष गुरु विजय पाण्डेय ने बताया की भाद्र पद शुक्ल पक्ष चतुर्थी बुधवार को प्रातः 6 बजे से 7:30 बजे तक लाभ की चौघड़िया मे , प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक अमृत चौघड़िया मे , व प्रातः 10:30 से 12:00 बजे के श्रेष्ठ मुहूर्त जिसमे मध्यान काल अभिजीत मुहूर्त व शुभ की चौघड़िया प्राप्त होरही है जिसमे भगवान गणपति की स्थापना व पूजन करना उत्तम रहेगा।

दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक राहूकाल रहेगा जिसमे स्थापना व पूजन निषेध है इसके साथ ही बड़े पंडालो मे शाम 4:30 से 6बजे तक भी भगवान गजानन की मूर्ति स्थापना कर शकते है पर पूजन कलश स्थापना साढ़े 3 बजे से पूर्व शुरुआत हों जानि चाहिए।

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