- रंजीतपुर के पवन तनय मंदिर का होगा "काया कल्प" शीघ्र होगा भव्य कोरिडोर का निर्माण
- शोभन सरकार के बाद अब संत गोपालानंद महाराज कर रहे है देखरेख
- अपनी दिव्यता वा चमत्कार के लिए विश्व प्रसिद्ध है बाबा पवन तनय दरबार
कानपुर। मंगलवार 31जनवरी 2023 माघ मास शुक्ल पक्ष दसमी, शिशिर ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। काशी कोरिडोर की तर्ज पर कानपुर में आस्था के शिवा धाम बाबा आनंदेश्वर कोरिडोर के बाद अब कानपुर देहात के पवन तनय आश्रम रंजीतपुर में भी अब लाखो भक्तों के आस्था का हनुमत धाम का भव्य कोरिडोर बनने का सपना जल्द साकार होने जा रहा है।
यह बात की जानकारी देते हुए श्री बाला जी सेवा समिति (धर्मार्थ संस्था) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी गौसेवा संघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील शुक्ला ने बताया की 25 बीघा क्षेत्रफल में फैले रंजीतपुर कानपुर देहात स्थित डेढ़ सदी प्राचीन बाबा हनुमान जी के पवन तनय मंदिर में भारत वासियों की विशेष आस्था वा विश्वास है।
यहां पवन तनय मंदिर विशेष पर्वों दीपावली, गोपाष्टमी को पड़ने वाले वार्षिक स्थापना उत्सव की विशेष तिथियों को छोड़कर, प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार शनिवार और रविवार को बाल स्वरूप "बाबा पवन तनय" की एक झलक पाने को हजारों भक्तो का जन सैलाब उमड़ता है।
उन्होंने बताया की बाबा पवन तनय का यह मंदिर डेढ़ सदी (150 वर्ष ) से भी अधिक प्राचीन है जिसकी प्राचीनता, आस्था वा चमत्कार को देखते हुए आस्था के इस हनुमत धाम का भव्य कोरिडोर बनने का संकल्प मन में पल्लवित हुआ। उन्होंने बताया की इस लिखित प्रस्ताव को लेकर बीते सोमवार को उन्होंने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह से भी उनके कार्यालय में मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की साथ ही उन्हें गौरक्षा संघ का प्रतीक चिन्ह गौमाता की मूर्ति भी भेंट स्वरूप प्रदान की। इस प्रस्ताव पर मंत्री जी ने हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया है साथ ही संस्कृति एवं पर्यटन मुख्य सचिव मुकेश मेश्राम को निर्देशित भी किया है।डेढ़ सदी प्राचीन है बाबा पवन तनय का दरबार
- बाबा को अतिप्रिय गेंदे की माला संग चढ़ता है बेसन लड्डुओं का भोग
- वाहन सुख की कामना चाहने वाले भक्तों की इच्छा भी इस दरबार में शीघ्र होती है पूरी
विश्व प्रसिद्ध प्राचीन एवं दिव्य पवन तनय मंदिर (रंजीतपुर) पोस्ट - भाऊपुर, ब्लॉक- मैथा (कानपुर देहात) उत्तर प्रदेश स्थित यह मंदिर लगभग डेढ़ सदी (150 वर्ष) प्राचीन स्थापित हनुमान जी भगवान का मंदिर संपूर्ण भारतवर्ष के दर्शनार्थियों की आस्था का केंद्र है। सुनील शुक्ला ने बताया की श्री पवन तनय मंदिर (150 वर्ष) पूर्व भगवान श्री हनुमान जी के विग्रह की स्थापना ब्रह्मलीन स्वामी श्री मंगली दास जी महाराज द्वारा की गई थी तदुपरांत स्वामी रघुनंदन दास जी महाराज व उनके ब्रह्मलीन होने के बाद श्री विरक्ता नंद जी महाराज जिनको (शोभन सरकार) के नाम से विश्व में जाना जाता है के विगत 2 वर्ष पूर्व शोभन सरकार जी के भी ब्रह्मलीन हो जाने के उपरांत स्वामी श्री गोपालानंद जी महाराज द्वारा प्राचीन पवन तनय मंदिर की संपूर्ण व्यवस्थाओं की देख रेख व संभालने का उत्तरदायित्व व निर्वहन महाराज श्री के द्वारा ही की जा रहा है।
जानिए कैसा है बाबा पवन तनय का दरबार व क्या है मान्यता इस दरबार की
प्राचीन पवन तनय मंदिर व आश्रम का परिक्षेत्र लगभग 25 बीघा परिधि में स्थापित है विगत 35 वर्षों से स्वामी श्री गोपालानंद जी महाराज द्वारा पवन तनय आश्रम (रंजीतपुर) में सरोवर की स्थापना, पवन तनय इंटर कॉलेज की स्थापना, मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण का कार्य कराया जा रहा है। संपूर्ण भारत वर्ष ही नहीं अपितु देश विदेशों से भी आने वाले दर्शनार्थियों द्वारा मिल रहे सहयोग के कारण मंदिर की व्यवस्थाओं को संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट परिधि में संत निवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
क्या है दरबार की मान्यता
बाबा पवन तनय दरबार की ऐसी मान्यता है कि मंदिर में विराजित हनुमान जी भगवान के दर्शन मात्र से ही भक्तो के सकल मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। पवन तनय मंदिर के प्रति करोड़ों भक्तों की आस्था होने के कारण मंगलवार , शनिवार एवं रविवार को हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों का आवागमन होता है। साथ ही पावन पर्व दीपावली के बाद आठवें दिन मनाई जाने वाली गौ पर्व "गोपाष्टमी" के दिवस को ही बाबा पवन तनय के स्थापना दिवस के रूप में कालांतर से लेकर अब तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ धूम धाम से मनाया जाता है महाराज श्री के पावन सानिध्य में इसदिन भव्य एवं दिव्य हवन पूजन तथा बाबा का श्रृंगार एवं विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसमें आसपास के जनपदों से ही नहीं वरन संपूर्ण भारत व विदेशों से भी आने वाले बाबा के भक्त बाबा की एक झलक पाने को बेताब रहते है । सत्य,धर्म और न्याय के सद मार्ग पर चलने वाले भक्तो पर बाबा की विशेष कृपा बनी रहती है , इस दरबार में बाबा को देशी घी बेसन के लड्डुओं का तुसली पत्र सहित भोग अतिप्रिय है साथ ही गेंदे के पुष्पों की माला चढ़ाने से भक्तों पर बाबा शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। और अपने भक्तो की मनचाही मुराद पूरी कर देते है एक मान्यता जनश्रुति में प्रचलित है की बाबा की सच्ची श्रद्धा से की गई भक्ति वा आराधना से वाहन सुख के साथ साथ समस्त भौतिक सुखों की भीं प्राप्ति शीघ्र हो जाती है ।
कैसे पहुंचे बाबा के धाम
विश्व प्रसिद्ध डेढ़ सदी प्राचीन बाबा पवन तनय के रंजीतपुर (कानपुर देहात) में स्थित दिव्य एवम चमत्कारिक दरबार में भक्त चार प्रमुख मार्गों से होकर वाहन द्वारा पहुंच सकते है।
- प्रथम मार्ग पवन तनय मंदिर में दर्शनार्थियों के आने के लिए (राष्ट्रीय राजमार्ग सचेंडी) कानपुर देहात से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
- द्वितीय मार्ग कानपुर शिवली मार्ग पर शेखुपुर मोड़ से प्रतापपुर भंगापुरवा नहर के रास्ते से होते हुए लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
- तृतीय मार्ग पवन तनय मंदिर कानपुर देहात मैथा तहसील से लगभग 5.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
- चतुर्थ मार्ग भारतीय रेल मार्ग - भाऊपुर (रेलवे स्टेशन) से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से दो पहिया चार पहिया ऑटो आदि साधनों से बाबा पवन तनय के धाम तक पहुंचा जा सकता है।
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