स्वयं सिद्ध मुहूर्त है अक्षय तृतीया

पंडित श्यामेश मिश्र वैदिक लाइफ न्यास
कानपुर, शुक्रवार 14मई 2021 (सूवि) वैशाख मास शुक्ल पक्ष तृतीया ग्रीष्म ऋतु २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। 
अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है । इस वर्ष या शुक्रवार के दिन पड़ रही है। अक्षय तिथि का आरंभ 14 मई 2021 को सुबह 4:55 से अक्षय तृतीया समाप्ति तिथि 15 मई 2021 को सुबह 5:25 तक है। 

अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहलाता है, इसलिए इस दिन को मांगलिक कार्यक्रमों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि उनमें जीवन भर अक्षय सुख का वरदान मिलता है।

भविष्य पुराण में कहा गया है।

यत् किंचिद् दीयते दानं स्वल्पं वा यदि वा बहु।

तत् सर्वमक्षयं यस्मात् तेनेयमक्ष या स्मृता।।'

 अर्थात इस तिथि में थोड़ा या बहुत, जितना और जो कुछ भी दान किया जाता है, उसका फल अक्षय हो जाता है।जैसे-जौ- चना सत्तू दही चावल गन्ना दूध मिठाई एवं ग्रीष्म ऋतु में उपयोगी होने वाली वस्तुओं का दान की बात कही गई है। या समाज सेवा है, जो इस संकट के समय और भी प्रसांगिक हो जाती है। हमें कोरोना से प्रभावित लोगों की दान स्वरूप अधिक से अधिक मदद करनी चाहिए।सही मायनो में तन मन धन से गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा ही नारायण की अर्चना है।दान से मन को संतोष मिलता है और चित शुद्ध हो जाता है।

 विशेष=अक्षय तृतीया के दिन दान करने को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

 कोरोना जैसी महामारी के बीच हमे दिल खोलकर दान देना चाहिए।भोजन कपड़े दवाई ऑक्सीजन आदि में सहायता करें। अक्षय तृतीया को इस विपदा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। सबसे बड़ा धर्म है ।

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