जलभराव की समस्या को लेकर नगर विकास मंत्री को सांसद पचौरी दीया सुझाव

  1. बारिश में जलभराव से स्मार्ट सिटी बन जाता है टापू 
  2. जलभराव से मुक्ति के लिये नगर सांसद ने कि शासन से अपील 
  3. कानपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में जलभराव से मुक्ति के लिए शासन को भेजा सुझाव
  4. अधिकारियो की मिलीभगत व विभागीय अनियमितताओं से सरकारी धन का होरहा दुर प्रयोग
  5. हर साल वर्षा ऋतु में बिकराल रूप ले लेते है शहर के 32 बृहद व 228 छोटे बड़े नाले

कानपुर, बुधवार 11मई 2022 वैशाख मास शुक्ल पक्ष दसमी ग्रीष्म ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। केंद्र व राज्य सरकार की शहरी विकास योजनाओ के चलते भले ही कानपुर स्मार्ट शहरों में 8 वें पायदान पर जाना जाता हों। पर शहर में बारिश के महीने में उफ़नाते नाले विकास की गंगा की पोल खोल कर रख देते है 

फिर चाहे वीआईपी रोड हों या फिर जूही पुल या फिर शहर के 32 ब्रहद व 228 बड़े छोटे नालों का ये हाल शहर की जनता का जीना दुसवार कर देता है। प्रतिवर्ष होने वाली इस समस्या के समाधान के लिए नगर निगम प्रसाशन अधिकारियों के कानो में जूँ तक नहीं रेंगती। इस सबके बाद भी कई बार नगर की बेबस व बेहाल जनता द्वारा आचुकी लिखित शिकायतों व जनमानस की इस गंभीर ज्वलन्त समस्या से दुःखी होकर नगर सांसद सत्यदेव पचौरी ने त्वरित संज्ञान लेकर उक्त समस्या के परिपेक्षष में कानपुर सहित सम्पूर्ण प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाने हेतु नगर विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार अरविन्द कुमार शर्मा को पत्र लिखा है जिसमे वर्षा ऋतु से पूर्व इस विषम समस्या से छुटकारा दिलाने का आग्रह भी किया है।

साथ की नगर विकास मंत्री को पत्र के माध्यम से यूपी के सभी शहरों एवं टाउन एरियों में वर्षा ऋतु में जल भराव की ज्वलंत समस्या से निजात दिलाने व नाला सफाई के कार्य में व्याप्त अनियमितताओं एवं विभागीय देख रेख के आभाव में महज औपचारिक खाना पूर्ति करने वाले अधिकारीयों के कारण प्रतिवर्ष सरकार के करोड़ो रूपये अपव्यय होने की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है।

सांसद ने पत्र के माध्यम से सुझाव भी देते हुये कहा है की वर्षा ऋतु से पूर्व प्रत्येक वर्ष नाला सफाई का कार्य कराया जाता है जिसकी प्रक्रिया समानता मार्च-अप्रैल में प्रारंभ की जानी चाहिए पर औपचारिकताओं को पूर्ण करते करते विभागीय देख रेख के अभाव में सफाई करने वाली संस्थायें ठीक प्रकार से न नाला सफाई करती है ओर न ही सील्ट उठाती है जिस कारण हर साल बारिश के मौसम में नागरिकों को जलभराव कीसमस्या से परेशान होना पड़ता है।

जिसपर उन्होने सुझाव देते हुये कहा की यदि वर्षा ऋतु के पूर्व जनवरी फरवरी एवं मार्च से अप्रैल माह तक नाला सफाई व सील्ट उठान का कार्य पूर्ण करा लिया जाए ताकि नाला सफाई का उद्देश्य पूर्ण हो और बरसात के समय में होने वाले जलभराव से नागरिकों को मुक्ति मिल सके और सरकारी धन का सदुपयोग भी हो पाय।

सांसद ने संबंधित विभागीय अनिमित्तताओ की बात करते हुये कहा की- उच्च अधिकारियो से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों तक तथा कार्यकारी संस्था भी आपस में शामिल रहते है ओर निज स्वार्थ के कारण कोई किसी के खिलाफ नहीं बोलता जिसका खामयाज़ा आम जनता को उठा ना पड़ता है। और प्रतिवर्ष नाला सफाई व सील्ट उठान के नाम पर करोडो रूपये अपव्यय होते है।

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