बाल अपराध निवारण एवं उनके संरक्षण हेतु दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुईइन्दौर-13 दिसम्बर शुक्रवार ।बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाए संचालित की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार, यूनिसेफ मध्यप्रदश भोपाल के सौजन्य से इन्दौर पुलिस द्वारा जिले के विशेष पुलिस किशोर ईकाई, बाल कल्याण अधिकारीगण एवं चाइल्ड लाईन के लिये एक 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 13 व 14.12.19 को पुलिस कंट्रोल रूम सभागृह में किया जा रहा है, जिसका उद्धघाटन शुक्रवार, अति पुलिस महानिदेशक इन्दौर जोन इन्दौर मिलिंद कानस्कर के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
उक्त कार्यशाला मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इन्दौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र, पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) सूरज कुमार वर्मा, लॉलीचेन पी. जोसेफ, चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट यूनिसेफ, अमरजीत कुमार सिंह ट्रेनर यूनिसेफ, डॉ. आसमां रिजवान, पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल, अर्चना सहाय, डॉयरेक्टर आरंभ भोपाल, अति. पुलिस अधीक्षक क्राईम अमरेन्द्र सिंह, अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी, अति. पुलिस अधीक्षक यातायात पूर्व श्री महेन्द्र जैन सहित अन्य अधिकारीगण के साथ जिला इन्दौर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, चाइल्ड लाईन के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन देते हुए, एसएसपी इंदौर द्वारा कार्यशाला के विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा उन्होने बताया कि बच्चों के लिये बहुत सी संस्थाएं कार्य कर रही है जिनमें राष्ट्रीय/राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, म.प्र. राज्य बाल सुरक्षा समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि संस्थाएं कार्यरत् है, इन सभी संस्थाओं से आपसी समन्वय स्थापित कर, बच्चों के हितों एवं उनके संरक्षण के लिये हमें हरसंभव आवश्यक कार्यवाही करने के लिये हर समय तत्पर रहना हैं
इस अवसर पर एडीजी श्री मिलिंद कानस्कर द्वारा कहा कि हमें ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिये कि, बच्चों को कोई भी समस्या हो तो वह सबसे पहले पुलिस के पास ही आए, इसके लिये हमें समाज में ऐसा विश्वास पैदा करने की आवश्यता है। अतः बच्चो के प्रति हमारा व्यवहार संवेदनशील एवं सौम्य होना चाहिए। हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। उन्होने सभी प्रशिक्षकों को इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला का पूरा लाभ लेते हुए, ध्यान व लगन के साथ सीखने के लिये प्रेरित किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला मे आए अतिथि विषय विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी- बाल अधिकारों और उनके संरक्षण व बच्चों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिये दिये गये विधिक प्रावधानों एवं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्यवाही के लिये, पुलिस अधिकारियों में इसके बारें में आवश्यक समझ एवं दृष्टिकोण का निर्माण। कानूनी प्रावधानों जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय आदि की तकनीकी जानकारी। बाल अपराध को रोकने के लिये किये जाने वाले प्रभावी उपाय एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के पुनर्वास आदि के लिये किये जाने वाले प्रयासों। बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के साथ ही बाल विवाह की रोकथाम हेतु उठाये जाने वाले आवश्यक कदम।
कार्यशाला का संचालन अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी द्वारा किया गया तथा आभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम अमरेन्द्र सिंह द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यशाला के सफल अयोजन में एआईजी सीआईडी पुलिस मुख्यालय भोपाल, श्रीमती श्रद्धा तिवारी का विशेष सहयोग रहा।
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