हिचकिचाहट दूर करने के लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका की व्यवस्था

  • जनता में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ी
  • कंडोम के प्रति लोगों का बढ़ रहा रुझान

रायबरेली, मंगलवार 05जुलाई 2022 (सूवि) आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष षष्ठी, वर्षा ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। मेडिकल स्टोर से लोगों के सामने कंडोम खरीदने में जिन लोगों  को संकोच या हिचकिचाहट होती थी उनके लिए राहत की बात है। इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है। यहां से 24 घंटे कभी भी निःशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है।

इस व्यवस्था से जहां एक ओर लोगों को शर्म और संकोच का सामना नहीं करना पड़ेगा वहीं उनकी जेब भी ढीली नहीं होगी और महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा भी मिलेगा।

जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लकड़ी से बने बॉक्स में कंडोम के पैकेट भरकर ऐसी जगह लगाये गए हैं, जहां सभी की पहुँच भी हो और उनकी गोपनीयता भी बनी रहे। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध है और यहां से कभी भी निःशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है। कंडोम बॉक्स खाली होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुनः इसे भर देते हैं और यह चक्र चलता रहता है । 

डॉ अजय कुमार चौधरी ने बताया कि जिला अस्पताल, सभी 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 42 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 215 उप स्वास्थ्य केंद्रों  के परिसर में कंडोम बॉक्स को लगाया गया है। जिससे यह आसानी से लोगों की पहुँच में हो। उन्होने बताया - शुरुआत में लोगों को कम जानकारी थी लेकिन अब इसमें हर तीसरे दिन कंडोम के पैकेट भरने पड़ते हैं।

डॉ.अजय कुमार चौधरी का कहना है कि गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन “कंडोम” अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसकी उपलब्धता आमजन तक आसान हो, इसके लिए जनपद के  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है एवम उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसकी स्थापना के निर्देश दे दिये गए हैं। उन्होने बताया - जनपद में वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां 3 लाख से ज्यादा  कंडोम की खपत थी वहीं 2021 -22 में बढ़कर 4 लाख से अधिक हो गयी।

क्या है कंडोम -

  • परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ अजय कुमार चौधरी ने बताया कि कंडोम परिवार नियोजन का अस्थायी साधन है। यह रबड़ का एक आवरण है जो शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है। यह गर्भधारण को रोकने में 75 से 90 प्रतिशत तक कारगर है। 
  • इसके साथ ही यह यौन रोग व एड्स से भी बचाता है। उन्होने बताया –अधिकतर कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं। जिनको लेटेक्स से एलर्जी होती है वह पॉलीयूरेथीन से बने कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होने बताया-जनपद में परिवार नियोजन के अन्य साधनों की अपेक्षा कंडोम के उपयोगकर्ता अधिक हैं। 

कंडोम के लाभ - 

  1. बीस वर्ष से पहले यानि किशोर गर्भावस्था से बचाव 
  2. अनचाहे गर्भ से बचाव 
  3. दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने में सहायक 
  4. उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचाव 
  5. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में सहायक 
  6. यौन संचारित रोग से बचाव 
  7. पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित होती है 

ऐसे करें उपयोग –

  • हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें 
  • पैकेट पर एक्स्पायरी डेट देख लें 
  • पैकेट से निकालते समय कंडोम फटना नहीं चाहिए 
  • इस्तेमाल के बाद कंडोम को गड्ढे में दबा दें या सुरक्षित निस्तारण करें 
  • यौन संबंध के दौरान यदि कंडोम फट जाए या फिसल जाय तो 24 घंटे के अंदर आपातकालीन गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करें 
  • कंडोम ठंडे, शुष्क स्थान में, धूप से बचाकर रखें 
  • पुराने और फटे पैकेट में रखे कंडोम टूट सकते हैं

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